रजिया बेगम ने शासन पर 3 साल 6 महीने तथा 6 दिन राज किया,रज़िया भारत की प्रथम महिला शासक थी जिसका जन्म 1205 मे हुआ था । रज़िया ने पर्दा प्रथा का त्याग किया तथा पुरुषो की तरह खुले मुंह ही राजदरबार में जाती थी । रज़िया के शासन का बहुत जल्द अंत हो गया लेकिन उसने सफलता पूर्वक शासन चलाया, रज़िया में शासक के सभी गुण मौजूद थे लेकिन उसका स्त्री होना इन गुणों पर भारी था अत: उसके शासन का पतन उसकी व्यकतिगत असफलता नहीं थी ।

अपने शाषनकाल में रजिया ने अपने पुरे राज्य में कानून की व्यवस्था को उचित ढंग से करवाया । उसने व्यापार को बढ़ाने के लिए इमारतो के निर्माण करवाए , सडके बनवाई और कुवे खुदवाए । उसने अपने राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई विद्यालयों , संस्थानों , खोज संस्थानों और राजकीय पुस्तकालयों का निर्माण करवाया । उसने सभी संस्थानों में मुस्लिम शिक्षा के साथ साथ हिन्दू शिक्षा का भी समन्वय करवाया । उसने कला और संस्कृति को बढ़ाने के लिए कवियों ,कलाकारों और संगीतकारो को भी प्रोत्साहित किया था । इतिहास में रजिया बेगम के बारे में कुछ ज्यादा नही लिखा गया है,कोई कहेता है के उसका प्रेमी था तो कोई कहेता है नही था । इसलिए इतिहास से प्राप्त की जाने वाली जानकारी को समझना कठिन है,मैंने जो जानकारी प्राप्त की वह तंत्र विद्या के संदर्भ से है ।

रजिया बेगम को बुलाने की मंत्र विद्या आज भी राजस्थान के तांत्रिकों में गोपनीय है । एक राजस्थान के तांत्रिक थे जिन्होंने यह साधना मुझसे संपन्न करवाया था और उस मंत्र विद्या का परिणाम मुझे अच्छे से महसूस हुआ,यहां पर मैं अपने अनुभव नही लिख सकता क्योके यह साधना क्षेत्र के नियम के हिसाब से ठीक नही है । और जैसे मेरे सभी आर्टिकल चोरी हो जाते है,लोग कॉप्पी पेस्ट करके कहिना कही छाप देते है इसलिए किसी भी विषय पर लिखना इन चोरों के वजेसे कठिन हो गया है ।

रजिया बेगम मृत्यु के बाद तो आज के समय मे यह भुतिनी साधना के श्रेणी में आती है और मुझे यह मंत्र साधना जब प्राप्त हुई तो मेरे जानकार तांत्रिक के नोटबुक में कुछ ऐसा लिखा हुआ था "रजिया बेगम भुतिनी साधना" । नोटबुक में साधना पढ़ने के बाद मै इस साधना से काफी प्रभावित हुआ था क्योंकि यह मात्र इक्कीस दिन की साधना थी और उन इक्कीस दिनों में मुझे काफी अच्छे अनुभव प्राप्त हुए थे । यह साधना दुनिया के किसी भी किताब में नही है,यह एक प्रकार से साबर मंत्र विद्या है । 

तांत्रिक का नाम श्यामदास बाबा था और उन्होंने मुझे साधना के सभी पैलुओ पर सब कुछ ठीक तरह से समझाया,यहां तक कि साधना सामग्री के निर्माण हेतु उन्होंने मुझे दो दिन का समय दिया । एक प्रकार का विशेष नीले रंग का रत्न जो रजिया बेगम को पसंद था और उस रत्न को नदी के किनारे बबूल के पेड़ में छेद करके मंत्र बोलकर चौबीस घंटे तक रखना था । जब चौबीस घण्टे पूर्ण हो जाये तब मजमुआ का इत्र लगाकर उसे गुलाब की पंखुड़ियों पर रखकर घर लाना था और उस पर कुछ ईलम पढ़ने थे । वैसे तो मैं सिर्फ नवनाथ भगवान की साधना करता हु परंतु यह साधना शाबर मंत्र साधना थी इसलिए मैंने इस साधना के लिये मेहनत की,यह शाबर मंत्र साधना नही होती तो शायद मैं मेहनत नही करता । काले हकीक माला को भी प्राण प्रतिष्ठा किया जो 101 मनके की थी और रक्षा कवच का भी निर्माण तांत्रिक श्यामदास बाबा ने मेरे हाथों से करवाया । तब जाकर कहा मेरी साधना सामग्री बनी और मैंने साधना संपन्न की है,यह एक प्रामाणिक साधना है जिसका अनुभव आनंद दायक होता है ।

यह एक प्रकार से प्रत्यक्षीकरण साधना है,रजिया बेगम के प्रत्यक्षीकरण से जीवन मे कोई भी कार्य करवाये जा सकते है । यहां पर ज्यादा लिखना ठीक नही है इसलिए सिर्फ इतना ही लिखना चाहता हु के यह साधना करना जीवन का सुखद पल होता है ।

साधनात्मक अन्य जानकारी फोन पर या फिर व्हाट्सएप पर दी जाएगी,टाइम पास करने हेतु कृपया फोन ना करे,सिर्फ वही व्यक्ति फोन करे जो प्रत्यक्षीकरण साधनाओ में रुचि रखते हो । इस साधना में रजिया बेगम प्रत्यक्षीकरण रत्न,काली हकीक माला और रक्षा कवच की आवश्यकता होती है,जिसका न्योच्छावर राशि 3600/-रुपये निर्धारित किया है ।

जिन्हें साधना करनी है उनको साधना सामग्री के साथ रजिया बेगम प्रत्यक्षीकरण मंत्र दिए जाएंगे । साधना सामग्री के न्योच्छावर राशि बैंक अकाउंट से या फिर Paytm से भी भेज सकते है । इस साधना से सभी प्रकार के भौतिक लाभ प्राप्त करना संभव है ।

Calling, whatsapp and Paytm number-
+91-8421522368


यह साधना अदभुत अविस्मरणीय प्रामाणिक साधना है,जिसका जिक्र पहिली बार सिर्फ हमारे ब्लॉग पर किया जा रहा है ।




आदेश.......💐





from POWER OF TANTRIK SADHANA https://ift.tt/2PYqAdf